शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित तख्त सचखंड श्री हजूर अबचलनगर साहिब के गुरुद्वारा बोर्ड के प्रशासक के रूप में एक गैर-सिख अधिकारी की नियुक्ति पर कड़ी आपत्ति जताई है और महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (सीएम) एकनाथ संभाजी शिंदे को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होने कहा कि गुरुद्वारा बोर्ड, तख्त सचखंड श्री हजूर अबचलनगर साहिब, नांदेड़ के प्रशासक के रूप में एक गैर-सिख अधिकारी की नियुक्ति सिख भावनाओं और मर्यादा (आचार संहिता) के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ सिख संगत (समुदाय) में बड़ी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय में तख्तों (सत्ता की सीटें) की भूमिका सिख मर्यादा के कार्यान्वयन के लिए समय-समय पर नेतृत्व करना और निर्देश देना है, इसलिए किसी भी गैर-सिख व्यक्ति को प्रबंधन बोर्ड के प्रशासक के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि कोई गैर सिख व्यक्ति सिख भावनाओं के अनुरूप गुरुद्वारों का प्रबंधन कैसे चला सकता है।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि यह सिख विरोधी फैसला है, जिसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने गुरुद्वारा बोर्ड, तख्त श्री हजूर अबचलनगर साहिब, नांदेड़ के गठन के लिए चुनाव कराने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि नांदेड़ में तख्त गुरुद्वारा बोर्ड का कार्यकाल 15 मार्च 2022 को पूरा हो गया और एक साल से अधिक समय से चुनाव होना बाकी है। सिख समुदाय का प्रतिनिधि संगठन होने के नाते, एसजीपीसी ने नांदेड़ में तख्त के गुरुद्वारा बोर्ड के चुनाव कराने की कई बार मांग उठाई है।
श्री धामी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को सिख मामलों में मनमाने फैसले नहीं लेने चाहिए और चुनाव तक किसी प्रतिबद्ध सिख व्यक्ति को नांदेड़ में तख्त गुरुद्वारा बोर्ड का प्रशासक नियुक्त करना चाहिए।