मध्यप्रदेश के नीमच जिले में भारतीय जनता पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा के काफिले पर पथराव के मामले पर गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि इसके कारण जानने के लिए विपक्षी नेताओं के पहले के बयान देखने होंगे।
डॉ मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि यात्रा पर पथराव क्यों हुआ, ये जानने के लिए विपक्षी नेताओं के पहले के बयान देखने पड़ेंगे, सब समझ में आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही कह चुके थे कि यहां मणिपुर जैसा पथराव हो सकता है, इस तरह वे उकसाने का काम कर रहे थे। दिग्विजय सिंह हरियाणा के नूंह का उदाहरण दे चुके थे। ये भी उकसावे वाला काम था।
उन्होंने कहा कि मामले में जिस खेमा गुर्जर नाम के व्यक्ति समेत अन्य लोगों पर प्राथमिकी हुई है, वे कांग्रेस से जुड़े लोग हैं। कांग्रेस हताशा की ओर जा रही है, इसलिए वो ऐसे हथकंडों का सहारा लेगी। ये बात जनता को समझ जाना चाहिए।
नीमच जिले के मनासा क्षेत्र में कल देर शाम जन आशीर्वाद यात्रा के काफिले पर कुछ लोगों ने हंगामा करते हुए पथराव कर दिया, जिससे कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। हालाकि वाहनों में सवार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुरक्षित हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार रावली कुंडी क्षेत्र में कुछ ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल वाहनों पर पथराव किया। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों और जवानों ने तुरंत स्थिति को संभालने का प्रयास किया और विशेष वाहन में सवार वरिष्ठ नेताओं को सुरक्षित उतारकर सुरक्षा घेरे में ले लिया। इसके साथ ही हंगामा कर रहे लोगों को वहां से खदेड़ दिया गया। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में वैधानिक कार्रवाई कर आरोपियों की पहचान की जा रही है।
बताया गया है कि यात्रा में भाजपा के अनेक क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। पथराव में कुछ वाहनों के कांच टूट गए हैं। पत्थर स्थानीय भाजपा विधायक के वाहन में भी लगा है। पथराव के बाद हुए हंगामे के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। ग्रामीण इस क्षेत्र में कथित चीता प्रोजेक्ट से संबंधित लंबी दीवार बनाने का विरोध कुछ दिनों से कर रहे हैं। पथराव की घटना को इसी मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।