मुंबई, 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जोरदार तरीके से स्वागत करते हुए, जि़ंदगी चैनल अपने नये कैम्पेन #तुमसेमैं के साथ महिलाओं की आवाज को बुलंद करने के लिये तैयार है।
जि़ंदगी चैनल दर्शकों को उन महिलाओं की शक्ति जानने के लिये आमंत्रित कर रहा है, जो दूसरी महिलाओं का सहयोग करती हैं। इसमें दिखेगा कि एक महिला के सहयोग से दूसरी महिला को ज्यादा ताकतवर, बहादुर और निडर होने का एहसास कैसे मिलता है।इस कैम्पेन की जान उन शोज का तैयार किया गया लाइनअपहै, जिनमें महिलाओं के बेहतरीन परफॉर्मेंसेस हैं। सबा क़मर का शो ‘चीख’ इनमें शामिल है। यह मन्नत की कहानी है, जिसकी भूमिका सबा निभा रही हैं। उसके प्रभावशाली जीजा पर उसके दोस्त नायब की हत्या का आरोप लगा है। अब मन्नत को इंसाफ चाहिये।
‘रक़ीब से’ में सानिया सईद का किरदार हादिक़ा कियानी के किरदार सकीना को सुरक्षा और आश्रय देने के लिये सारी अड़चनों को पार करता है। सकीना घरेलू हिंसा के कारण अपना घर छोड़ देती है और चाहती है कि मकसूद का परिवार उसे अपना ले।
दीदान’ में सनम सईद का किरदार और उसकी सहेली एक गांव में रहती हैं। उनकी परिस्थितियाँ अलग होने के बावजूद वे लगातार एक-दूसरे का सहयोग करती हैं और ध्यान रखती हैं। इसमें अटूट दोस्ती और संवेदना दिखाई देती है।
इस सिनेमाई सफर में ‘आयशा’ फिल्म भी शामिल है, जिसमें यासरा रिज़वी की मुख्य भूमिका है। यह एक अधेड़ गृहिणी की कहानी है, जो अपने परिवार के लिये पूरी तरह से समर्पित है। लेकिन उसका परिवार उसे उतना महत्व नहीं देता है। फिर वह हिम्मत जुटाकर अपने लिये खड़ी होती है और अपना कॅरियर बनाने निकल पड़ती है। इसके अलावा, ‘’मुझे प्यार हुआ था’’ में हानिया आमिर और वहाज अली हैं। यह शो भी प्यार और सशक्तिकरण पर एक नया नजरिया देने का वादा करता है।इक़रा अज़ीज़ की ‘’रांझा रांझा करदी’’ में समाज का कड़वा सच दिखाई पड़ता है। झुग्गी में रहने वाली एक लड़की निश्चय करती है और बेहतर जिन्दगी पाने के सफर पर निकलती है। और अंत में हमारे पास सनम बलोच का ‘’धूप छांव’’ है, जिसमें एक औरत अपनी माँ के बताये अनुभवों से अपनी शादी को बचाने की कोशिश करती है।
सबा क़मर ने जि़न्दगी के नये कैम्पेन #तुमसेमैं की तारीफ करते हुए कहा, “मुझे महिलाओं के बीच पारस्परिक सहयोग की भावना दिखाने वाला ‘तुमसे मैं’ कैम्पेन बहुत पसंद आया है। हम सभी पर सामाजिक दबाव होता है और खुद के बारे में शंका भी होती है। लेकिन एक-दूसरे का साथ हमें राहत देता है। हमें जरूरत के वक्त सहयोग मिलता है। और अपने कीमती अनुभवों को साझा करने से हमारी आवाज में बुलंदी आती है। अपने परफॉर्मेंसेस के जरिये मैं उस प्यार और हिम्मत को दोहराना चाहती हूँ, जो मेरी जिन्दगी में मुझे असरदार औरतों से मिली है। यदि मेरे काम से दूसरों को यह भरोसा मिले कि महिलाएं एकजुट होकर ज्यादा मजबूत हो जाती है, तो यह मेरा सबसे बड़ा सम्मान होगा।