कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं दिया और इसको लेकर समिति बनाने का वादा पूरा नहीं किया तथा उन्हें विदेशी एजेंट और आतंकवादी कहा है, इएलिये उन्हें किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब पिछली बार किसान ‘तीन काले कानून’ को लेकर धरना दे रहे थे तब श्री मोदी ने उनसे माफी मांगी थी और वादा किया था कि वह उनके साथ न्याय करेंगे।
उन्होंने कहा,”तब श्री मोदी ने किसानों से मांगते हुए कहा था- मैं तीनों कानून वापस लेता हूं। एमएसपी की समस्या का समाधान निकालने के लिए जल्द ही एक कमेटी बनेगी। लेकिन आज दो साल से ऊपर हो गए लेकिन कोई कमेटी नहीं बनाई गई। आज जब किसान एमएसपी को लेकर फिर धरना दे रहे हैं तो उन पर रबर की गोलियां चलाई जा रही हैं, आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं और रास्ते में कीलें बिछाई जा रही हैं।”
प्रवक्ता ने कहा, “चुनाव प्रचार के दौरान श्री मोदी ने किसानों को एमएसपी देने का झूठा वादा किया और प्रधानमंत्री बन गए।लेकिन उनका झूठ तब सामने आया जब एमएसपी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल हुआ जिसमें श्री मोदी ने साफ कहा कि हम इस तरह की एमएसपी नहीं दे सकते जिसमें इनपुट कॉस्ट इतनी ज्यादा हो। श्री
मोदी ने न सिर्फ अपना वादा तोड़ा बल्कि किसानों के रास्ते पर कील बिछवाई और उन्हें उपद्रवी कहने से भी नहीं चूके।”
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार कहती है कि ‘स्वामीनाथन कमीशन’ को कांग्रेस ने लागू नहीं किया है, लेकिन सच्चाई यह है कि स्वामीनाथन कमीशन में 201 सिफारिशें थी जिनमें से कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार 175 सिफारिशें लागू कर चुकी थी।उसमें 26 सिफारिशें बची थी, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण एमएसपी से जुड़ी घोषणा कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी द्वारा कर दी गई।”
श्री खेड़ा ने प्रधानमंत्री से देश से माफी मांगने की मांग करते हुए कहा, “श्री मोदी ने किसानों से झूठ बोला, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने के बाद वादे से पलट गए। वह आरटीआई द्वारा एमएसपी के सवाल पर कदम पीछे करने और किसानों को आतंकवादी तथा विदेशी एजेंट कहने के लिये माफी मांगें।”