लंदन, 12 दिसंबर (वार्ता) ब्रिटेन में स्थानांतरण की प्रतीक्षा में पाकिस्तान में फंसे लगभग दो सौ अफगानिस्तानी विशेष बल कर्मियों को वापस अफगानिस्तान जाना पड़ रहा है जहां वे तालिबानियों खिलाफ मोर्चा संभाल चुके हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया कि अफगानिस्तान तालिबान द्वारा काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद ब्रिटेन द्वारा प्रशिक्षित और वित्त पोषित कर्मी पाकिस्तान भाग गए। इन अफगानिस्तान कमांडो के लिए भय तब पैदा हुआ, जब उन्हें यह पता चला कि सरकार ने उन प्रमुख अफगानिस्तान नेताओं को शरण देने की वरिष्ठ ब्रिटिश राजनयिक और सैन्य हस्तियों की कॉल को भी खारिज कर दिया, जिनकी जान खतरे में थी। यह खुलासा होने के बाद कि ब्रिटेन सरकार ने अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में ब्रिटेन और अमेरिका के साथ काम करने वाले 32 पूर्व गवर्नरों और अधिकारियों के लिए ‘तत्काल मदद’ के आह्वान पर ध्यान नहीं दिया, अफगान सैनिकों का भविष्य अधर में नजर आ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि न केवल पूर्व अफगानिस्तान विशेष बल के कर्मियों को बल्कि ब्रिटेन की मदद करने वाले अफगानिस्तान नागरिकों को भी अकेला छोड़ दिया गया।
हेलमंद के गार्मसिर जिले के पूर्व गवर्नर मोहम्मद फहीम ने बीबीसी को कहा,“ अफगान तालिबान जानते हैं कि “हम अंतरराष्ट्रीय ताकतों के साथ मिलकर लड़ रहे थे, इसलिए मेरे लिए खतरा ज्यादा है।”
इस बीच, ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने बीबीसी को बताया कि करीब 24,600 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।